"हनुमान की पूँछ में, लगी न पायी आग, लंका सिगरी जरी गयी, गये निशाचर भाग" में अलंकार है-
जहाँ कारण का अभाव होने पर भी कार्य का सम्पन्न होना पाया जाता है, अलंकार कहलाता है-
'समय सिंधु चंचल है भारी' पंक्ति में अलंकार होगा-